पाँच मुखी रुद्राक्ष के लाभ -सिद्ध व पहनने की विधि
March 13, 2020
पांच मुखी रुद्राक्ष साक्षात् रूद्र अवतार है | इसके अधिपति गृह ब्रहस्पति देव है | इसलिए ज्योतिष के अनुसार ब्रहस्पति कमजोर होने पर पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण किया जाना चाहिए | जो सच्चे शिवभक्त होते है उन्हें पांच मुखी रुद्राक्ष की माला अवश्य धारण करनी चाहिए | पांच मुखी रुद्राक्ष के प्रति भगवान शिव का विशेष लगाव है इसके साथ ही पांच मुखी रुद्राक्ष(5 Mukhi Rudraksh ke Labh) धारण करने से भगवान श्री विष्णु , भगवान गणेश , सूर्य देव और माँ भगवती की विशेष कृपा प्राप्त होती है |
पांच मुखी रुद्राक्ष पूरी दुनिया में सबसे अधिक पैदा होते है | इसलिए ये बहुत ही सामान्य रूप से प्राप्त हो जाते है | अन्य रुद्राक्षों की अपेक्षा ये नकली या बनावटी बहुत ही कम मिलते है | असली रुद्राक्ष सदैव प्रभावी होते है चाहे वह कितने भी मुख के क्यों न हो
पाँच मुखी रुद्राक्ष के लाभ : –
- पांच मुखी रुद्राक्ष में पंचदेवों की कृपा का वास है इसलिए पंच तत्व जनित दोषों को दूर करने में पांच मुखी रुद्राक्ष का विशेष महत्व है |
- मेष , धनु, और मीन राशि के जातकों को पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ प्राप्त होता है |
- नकारात्मक उर्जा व मन में नकारात्मक भाव से बचने में पांच मुखी रुद्राक्ष एक कवच के रूप में कार्य करता है |
- पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से हर प्रकार के मानसिक विकार , मधुमेह व रक्तचाप से मुक्ति मिलती है | मानसिक विकार, मधुमेह व रक्तचाप दूर करने के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष के 3 या 5 मनके धारण किये जाने चाहिए या फिर 108 छोटे मनकों की माला धारण करनी चाहिए |
- परिवार में सुख-शांति के लिए भी पांच मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाना चाहिए |
- 5 मुखी रुद्राक्ष की खासियत यह है कि इसमें एक अनोखे तरह का स्पदंन होता है। जो आपके लिए आप की ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बना देता है, जिससे बाहरी ऊर्जाएं आपको परेशान नहीं कर पातीं।